दोस्तो यह मेरी ज़िंदगी का पहला अनुभव था जिसमें हमारे भारत को सम्पूर्ण लॉकडॉउन लगा । दोस्तो जब हमारे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भारत का पहला लोकडाउन 21 दिन का लगाया , तब बहुत आश्चर्य हुआ , कैसे 21 दिन बिन घर से बाहर निकले घर में रहेंगे । जब किसी तरह कुछ दिन बिन घर से बाहर निकले निकाले , कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री का आदेश अनुसार लॉकडाउन समय की अवधि बढ़ा दी गई । अब घर में खाली पड़े थे , कुछ काम नहीं था । पेपर खत्म हो गए थे बस रिजल्ट आने का इंतज़ार हो रहा था , रिजल्ट की टेंशन ज्यादा नहीं थी सबसे ज्यादा टेंशन थी एडमिशन लेने की , कहां लेंगे । घर में खाली पड़े थे , तो सोचे घर में खाली है कुछ नया काम सीख ले , तब हमने यूट्यूब वीडियो और गूगल की मदद से खाना बनाना सिखा , खाना शुरुआत में अच्छा नहीं बना था लेकिन रोज नई नई रेसिपी (व्यंजन) बनाने का प्रयास करते रहें , बहुत सी रेसिपी खाने लायक भी नहीं बनी , और कुछ बहुत अच्छी बन जाती थी ।
मेरी कुछ रेसिपी की फोटो में आप सबसे शेयर करती हूं
यह थी मेरी कुछ रेसिपी की फोटो , देखने में अच्छी लग रही है लेकिन इसमें से रसगुल्ला मुुलायम के बदले , पत्थर की तरह बने , केक भी अच्छा नहीं बना ।
जब खाना बनाते बनाते हम उबाऊ सा लगने लगा तब हमने स्केच बनाने शुरू कर दिए , शुरुआती दिनों में बहुत अच्छा लगा , लेकिन हम स्केच करने से थक गए , ऐसी बीच न्यूज आती है , दूरदर्शन चैनल पर रामायण प्रसरित किया जाएगा , हमने कभी रामायण नहीं देखी थी , इसलिए रामायण देखने के लिए राज़ी हो गए थे , दिन में एक स्केच बनाते और कुछ खाने को बना लेते थे , रात के समय में हमारा पूरा परिवार एक साथ मिलकर रामायण देखने के लिए बैठ जाते थे ( कारोना काल में रामायण देखने के बारे में हम अलग से लिखेगे ) । रामायण में लक्ष्मण पत्नी उर्मिला जी के बारे में जान कर अच्छा लगा तब हमने उनके प्रति एक स्केच बनाया । जिसको हमने अपने पूरे भक्तिभाव से बनाया । उस स्केच की फोटो भी हम आप सबको दिखाएंगे । ज्यादा अच्छा नहीं बना लेकिन हमने अपनी पूरी कोशिश करे ।
हमारी एक कालोनी की दीदी को हमारे स्केच पसंद आए , उन्होंने हमें कुछ फोटो भेजे और कहा इन सबको बनाने की कोशिश करो , हमने दीदी की बात बन कर और स्केच बनाने जारी रखें ।
उनमें से कुछ स्केच ,
हमारा मन में अब ऐसे स्केच बनाने का नहीं कर रहा तब हमने अपने ही घर के और कुछ दोस्तो के फोटो की स्केच बनाने शुरू कर दिए , हमारी बुआ का स्केच बुआ के फेस से मिल रहा था तो हमारे मौसा जी ने अपनी फोटो भेज कर स्केच बनाने की कोशिश करने को कहा , हमने उनकी भी स्केच बनाई , लेकिन उनका फेस ज्यादा नहीं मिला ।
हमारे कुछ परिवार के सदस्य और दोस्तो की स्केच ,
इस बीच हमने कुछ ऑनलाइन आवेदन करने शुरू कर दिए थे , इस बीच हमने ऑनलाइन शॉपिंग बहुत किया , हमारी ऑनलाइन शॉपिंग में हेयर केयर के प्रोडक्ट्स ज्यादा थे , बालों पर तरह तरह के नुस्खे करने शुरू करे , कभी प्याज का रस , कभी चावल का पानी , कभी मेहंदी , कभी मुल्तानी मिट्टी , कभी दही , मठा , तरह तरह के अपने बालों के ऊपर प्रयोग किए , लकिन किसी से कोई फायदा नही हुआ । हमारे द्वारा ऑनलाइन आवेदन के पेपर की दिनाक आने ही वाली थी , लॉकडाउन खुल गया था , लेकिन पूरी तरह से नहीं खुला था , ऐसी बीच हमारा राजस्थान जाना हुआ , एडमिशन के लिए , वहां पेपर दिए , पास हो गए , लेकिन एडमिशन नहीं लिए । फिर दिल्ली में एग्जाम देने गए , वहां एग्जाम में पास नहीं हुए फिर हमारे मन में बरेली एडमिशन लेने का आया वहां अपनी एक दोस्त के साथ एडमिशन के लिए गए , वहां भी पास हो गए थे , फीस जमा करनी रह गई थी बाकी सब तैयारी हो गई थी लेकिन अचानक से लखनऊ में एडमिशन का मन बन गया और बरेली कैंसल करके लखनऊ में एडमिशन ले लिया ।
ज्यादा लंबी कहानी हो गई , इसलिए हम जो कहानी नहीं बताए है वह दूसरे पार्ट में बताएंगे ।
आप ने बहुत अच्छा काम किया कि समय का मूल्य समझा और उसको बैठे बैठे नहीं जाने दिया कुछ सीखा (It's great) 👍👍👍👏👏👏👏
ReplyDeleteThank you 💛
Delete