ये बेवजह प्यार का एहसास , लगे ये बिन मौसम बरसात ,
बिन मोर मोरनी नाचे , तेरे प्यार के एहसासों में बंधे ,
मोरनी की तलक देखो मोर को निहारने की ,
मोर देखो हजारों मोरनी संग नाचे ,
गुरुर अपने रंग रूप का , सुंदर होने का ,
मोरनी देखो अपने सादे रंग रूप को उड़ी हुई ,
उस मोर को चाहे , बिन मौसम बरसात लाए ,
प्यार की बरसात में अकेली मोरनी क्यों नाचे , मोर भी नाचे ।
By :— Kshma Rastogi
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ReplyDeleteKya hua
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ReplyDelete?
DeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteThank you
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