Friday, September 10, 2021

Love Poetry

 निकल आए उनकी गालियों से , लेकिन आज भी भटक रहे हैं उनकी यादों की गालियों में ,

दिल को समझाए है बहुत , दिल मानता नहीं अब नही साथ ,

उनकी यादों से बाहर निकलने की बहुत किए है कोशिश , लेकिन यह कोशिश कामयाब नही होती ,

मुस्कराते बहुत है लेकिन हर मुस्कुरात मुस्कान नही होती ,

होते है करीब बहुत लोग , यह दिल अकेला ही पाता है खुद को ,

ना होठों पर शिकवे ना दिल में कोई गिले ,

फिर भी दिल यूं यादों की गालियों में भटकता रहता हैं ।


By :- Kshma Rastogi

#novacollegelucknow

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