Friday, May 7, 2021

Udaas Mann ka intezar

नमस्ते दोस्तों , मै क्षमा रस्तौगी आज ऐसी ही छोटी सी कहानी बताने जा रही हूं।

उदास था मन उसका , फिर भी सबके सामने मुस्कराई जा रही, एक लड़की जो अपने मन की बात खुद ना समझ पा रही थी , ना थी कोई वजह उदास होने की, फिर भी उदास हुए जा रही थी , पा रही खुदको भीड़ में अकेला , तन्हाई से नाता जोड़े जा रही थी , खुद थी बेखबर उदास होने की वजह से , खुदको उदास करके घबरा रही थी , वो समझ ना पा रही ऐसे उदासी की वजह , समझ कैसे पाती , अक्सर अचानक उदासी मन में बसेरा कर जाती ।
थी हजार वजह खुश होने की , लेकिन एक बेमतलब उदासी उन खुशियों पर थी भारी । खुशियां सामने उसका इंतज़ार कर रही , वो उस एक उदासी की वजह जानने के लिए रुकी हुई थी। वो उदासी उसकी खुशियों पर अपना राज जमा बैठी थी , आंखें उदासी से नम रहा करती थी , होठू से झूठा मुस्कराया करती थी ।
थी कोई पिछले जनम की उदासी जो उसको सता रही , ऐसा समझ कर उस उदासी की वजह ढूंढ ने निकल चली , या थी कोई पुराने समय की याद जो उसको याद करती और वो उदास हो जाया करती । बेखबर सी उदासी उसको खुश ना होने देती , गुमसुम रहती उस बेखबर उदासी के लिए या करती किसी का इंतजार , जो मिटा सके उसकी उदासी । 
जब जब करती उदासी दूर करने की कोशिश , उदासी उतना उसको सताती , थक गई थी उदास होते होते , था अब उसको उदासी मिटाने वाले का इंतजार , इंतज़ार भी इतना लंबा निकला , ना उदासी गई ना इंतज़ार खत्म , मिट गई उदास ओर इंतज़ार के साथ , पता नहीं उसका इंतज़ार खत्म हुआ और उसकी उदासी खतम हुई , लेकिन वो मिट गई । 
                                             
                                            By :- Kshma Rastogi

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