मिले थे जब हम पहली बार , तुम सबसे पहले करीब आए थे ,
तुम्हें मैं अच्छी लगती थी या नहीं , यह सिर्फ तुम ही जानते थे ,
सबसे पहले करीब तुम ही आए थे ,
तुम्हे मेरे साथ वक्त बिताना अच्छा लगता था या नहीं यह तुम ही जानते थे ,
मुझे तुम्हारे साथ वक्त बिताना पसंद था , इसलिए तुम्हे बुलाती थी ,
तुम मेरे लिए बाइक से कोसों दूर से आते थे , फिर साथ बैठा कर घुमाया भी करते थे ,
हम दोनो को साथ बाइक पर बैठ कर घूमना पसंद था ,
छोटी छोटी बातों में लड़ाइयां हुआ करती थीं , तुम बड़ी आसानी से मना लिया करते थे ,
लड़ाइयों में तुम्हारे दोस्तो का बोलना और हमारी लड़ाई शांत करवाना ,
फिर साथ मिलकर यूं रेस्तरां में एक प्लेट में खाना ,
थोड़ी हिजक तुम्हे थी , थोड़ी हिजक मुझे थी ,
शर्म से एक दूसरो से जो बात करनी हुआ करती थीं , ना हो पाती थी ,
तुम मेरे बोलने का इंतजार करते , मैं तुम्हारे बात शुरू करने का इंतजार ,
यूं हमारी बात ना हों पाती थी , घर पहुंच कर मैसेज करते , बात क्यूं नही करते ,
तुम रूठ जाते , थोड़ा मैं रूठ जाती ,
यूं बातो ही बातो मे तुम्हारा मुझे वादा करना , कभी साथ न छोड़ने का ,
तुम्हारी बातो को सच मान , उन वादों पर यकीन करना ,
था कुछ ऐसा जो जोड़े रखता मुझे तुमसे ,
जितनी भी हो लड़ाई , रहना सिर्फ तुमसे जुड़े रहना ,
है बदल सा गया अब कुछ , यूं अब पहली जैसी बात ना रही ,
पहली हुआ करती घंटो बातें , अब नही हुआ करती बातें ,
नही रही पहली जैसी कोई बात , ना रहे पहले जैसे जज़्बात ,
अब ना रहा तुम्हारी किसी बात पर भरोसा ,
तुम कर दिए कुछ ऐसा , यह दिल होगया चूर – चूर ,
तुम मुझे पसंद करते या नही यह सिर्फ तुम जानते ,
मेरे दूर होने से मुझसे बार बार बात करने का प्रयास करते ,
तुम्हारे हिस्से मे अब मेरी चुप्पी , मेरे हिस्से में तुमसे मिला दर्द ,
तुम दूर सही लेकिन अब सुकून है , अब तुम्हारी और मेरी लड़ाई नहीं ,
यह दिल भी समझ चुका है , अब तेरे और मेरे रास्ते है अलग ,
हां शुरूवात तुमसे हुई , और खत्म मैं कर रही ,
जानती हो बहुत गलतियां हुई , माफी मांगती सभी गलती की ,
सबसे पहले करीब तुम आए थे , देखो दूर सबसे पहले मैं जा रही हूं ,
देखो मैं अपने दिल को समझा रही हो , तुमसे मैं दूर जा रही हूं ।
By :- Kshma Rastogi
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Bap re bap kya dard hai tumhari writing me
ReplyDeleteHehehe kya dard h mujhe nahi pta meri writting m
ReplyDeleteGood....
ReplyDeleteThank you
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