यह कशिश कुछ पुरानी सी है , जो बयां नहीं होती ,
यह तस्वीर अधूरी कभी पूरी नहीं होती ,
यह याद तो है लेकिन स्पष्ट नहीं होती ,
दिल मे है बहुत कुछ लेकिन बताया नही जाता ,
यह तस्वीर जो है यह अधूरे ख्वाब जैसी है ,
कतरा कतरा दिल–दिमाग में घूमती रहती , जुवां पर आती नही ,
हां थोड़ा थोड़ा याद है यह तस्वीर कोई पुरानी याद है ।
By :- Kshma Rastogi
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Nice
ReplyDeleteThank you
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