ना जाने कितनी बातें तेरे साथ कर बैठे हम,
हम बात कर बैठे तुमसे अब उन बातों का भूलना है मुश्किल,
हमारा तुम्हारा मिलना यूं न होना लिखा था,
हम किस्मत और नसीब से लड़ते रह गए, और तेरा मेरा बिछड़ना शुरू होगया,
ना जाने कितनी उम्र गुजारी हो तेरे बिना,
कोई तो फरियाद रही होगी तेरे दिल मे भी,
हर फरियाद मेरी रही हों, यह तो जरूरी नहीं,
मेरा ही साया रही हो जरूरी नहीं, कुछ तो तेरा साया भी मेरे साथ रहा,
बताना मुश्किल है, हम तुझे क्या समझ बैठे ।
By :- Kshma Rastogi
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ReplyDeleteThank u ❤️
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